अंबिकापुर की सड़कें नहीं, गड्ढों का जाल…लोग बेहाल, 200 करोड़ के प्रोजेक्ट पर लगी लंबी बाधा…
अम्बिकापुर। अम्बिकापुर शहर के लोगों को बेहतर सड़क के लिए अभी और लंबा इंतजार करना पड़ेगा क्योंकि शहर की 5 प्रमुख सड़कों के चौड़ीकरण का प्रस्ताव लोक निर्माण विभाग ने भेजा था, वह अब तक स्वीकृति नहीं हो सका है। यही कारण है कि अभी सड़कों के निर्माण का सपना अधूरा सा ही नजर आ रहा है। इधर स्थानीय लोग जहां जिम्मेदारों को खराब सड़क के लिए दोषी मान रहे हैं वहीं अधिकारी जल्द ही स्वीकृति मिलने के बाद काम शुरू करने का दावा भी कर रहे हैं।
अम्बिकापुर शहर के अंदर और बाहर की सड़कों की हालत बद से बदतर हो चुकी है। लोग बारिश में जहां गड्ढों में पानी भरने के कारण हादसों का शिकार हो रहे थे वहीं अब धूल के गुबार ने उनका जीना दूभर कर दिया है। शहर के बनारस रोड, खरसिया रोड, मनेंद्रगढ़ रोड, रामानुजगंज रोड और बिलासपुर रोड सभी की हालत बेहद खराब है। हद तो यह है कि इन सड़कों की मरम्मत को लेकर दावा किया जा रहा था कि बरसात के बीतते ही इनका काम शुरू कर दिया जाएगा मगर अम्बिकापुर के लोगों को अभी इन्हीं खस्ताहाल सड़कों पर ही सफर करना होगा क्योंकि सड़कों का काम शुरू होना तो दूर सड़कों के लिए स्वीकृति ही अब तक नहीं मिल सकी है। ऐसे में अब आम लोग सरकार को कोसते नजर आ रहे हैं। लोगों का कहना है कि पिछली सरकार ने तो कोई सुध नहीं लिया और न ही यह सरकार सड़क को लेकर कोई ध्यान दे रही है और यही कारण है कि आम जनता जान जोखिम में डाल सफर करने को मजबूर है।
शहर के बाहरी क्षेत्र की गड्ढों में तब्दील सड़क और शहर में बढ़ते ट्रैफिक के दबाव को देखते हुए शहर से होकर दूसरे प्रमुख राज्यों को जोड़ने वाली प्रमुख सड़कों के निर्माण के लिए लोक निर्माण विभाग ने करीब 200 करोड़ रुपए खर्च करने और इन्हें फोरलेन सड़क में तब्दील करने की योजना बनाई थी। इसके लिए प्रस्ताव भी सरकार को भेजा गया था। इसके तहत अग्रसेन चौक से लेकर लुचकी घाट तक करीब 2 किलोमीटर सड़क चौड़ीकरण का प्रस्ताव रखा गया है जिस पर 20 करोड़ 73 लाख रुपए खर्च करने की योजना थी। यह सड़क पत्थलगांव होते हुए झारखंड और रायगढ़ को जाती है। दूसरी प्रमुख सड़क अम्बिकापुर से एमपी जाने वाली मनेंद्रगढ़ रोड है जिसे गांधी चौक से रेलवे स्टेशन तक फोरलेन किए जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया था जिसमें करीब 4.30 किलोमीटर सड़क चौड़ीकरण के लिए 70 करोड़ रुपए का प्रस्ताव बनाया गया था।
इसी तरह अम्बिकापुर से बनारस जाने वाली सड़क को अंबेडकर चौक से लेकर करीब चठिरमा तक फोरलेन बनाने का प्रस्ताव रखा गया है जिस पर 60 करोड़ का बजट बनाया गया था। शहर को बिलासपुर से जोड़ने वाली अम्बिकापुर-बिलासपुर सड़क को बिलासपुर चौक से राष्ट्रीय राजमार्ग तक करीब 3.30 किलोमीटर फोरलेन करने की योजना बनाई गई थी जिस पर 36 करोड़ 53 लाख रुपए खर्च होने थे। अम्बिकापुर को झारखंड और बिहार से जोड़ने वाली अम्बिकापुर-रामानुजगंज सड़क को लरंगसाय चौक से 4 किलोमीटर आगे तक चौड़ा करने की तैयारी की गई थी जिस पर 50 करोड़ 51 लाख रुपए खर्च होने का प्रस्ताव बनाया गया था। इस तरह लोक निर्माण विभाग ने 200 करोड़ से ज्यादा का प्रस्ताव बनाकर महीनों पहले भेज तो दिया है, मगर अब तक इसे स्वीकृति नहीं मिली है। हालांकि लोक निर्माण विभाग का कहना है कि शहर की सड़कों की खराब स्थिति और शहर के बढ़ते दबाव को देखते हुए ये सड़कें बेहद जरूरी हैं। अधिकारियों का कहना है कि स्वीकृति के बाद 3 महीने में ही काम शुरू हो सकेगा मगर अभी यह स्पष्ट नहीं है कि आखिर कब इसकी स्वीकृति मिलेगी।
बहरहाल, सरगुज़ा संभाग मुख्यालय अम्बिकापुर में सड़कों की खराब हालत के कारण लोग बेहद परेशान हैं। बारिश के समय जहां पानी और कीचड़ से लोग हादसों का शिकार होते रहे, वहीं अब धूल का गुबार लोगों की जान खतरे में डाल रहा है। लोगों को उम्मीद थी कि लोक निर्माण विभाग बारिश के तुरंत बाद सड़कों को बनाने का काम करेगा, मगर यह खबर लोगों की उम्मीद तोड़ने वाली है क्योंकि विभाग काम शुरू करना तो दूर, प्रस्ताव की स्वीकृति भी नहीं करा पाया है, जिससे अब शहर की प्रमुख सड़कों के फोरलेन बनने का सपना अभी दूर की कौड़ी ही नजर आ रहा है।