CG Breaking : बच्चों के पोस्टमार्टम के लिए पैसे मांगने के बाद हरकत में आई सरकार BMO सस्पेंड, मेडिकल आफिसर हटाये गये

सरगुजा : सरगुजा जिले में मासूम बच्चों के पोस्टमार्टम के लिए पैसे मांगने के मामले में बड़ा एक्शन हुआ है। स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश के बाद बीएमओं को जहां तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं डयूटी डाॅक्टर के बांड को समाप्त कर उन्हे रिलीव कर दिया है। आपको बता दे रविवार को दो बच्चों की डबरी में डूबने से मौत हो गई। परिजन बच्चों का पोस्टमॉर्टम कराने रघुनाथपुर हॉस्पिटल पहुंचे थे। परिजनों ने आरोप लगाया कि पोस्टमॉर्टम के लिए उनसे 10-10 हजार रुपए मांगे गए।

इस खबर को मीडिया द्वारा प्रमुखता से दिखाये जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाल व्यवस्था पर स्वास्थ्य मंत्री ने तत्काल एक्शन लेने के निर्देश दिये गये। गौरतलब है कि रघुनाथपुर पुलिस चौकी के सिलसिला में रविवार दोपहर दो बच्चे ट्यूबवेल के पास खेल रहे थे। दोनों बच्चे खेलने के दौरान ट्यूबवेल के सोख्ता गड्ढे में गिर गए और डूबने से दोनों की मौत हो गयी। करीब दो घंटे बाद जब परिजन बच्चों को खोजते हुए मौके पर पहुंचे, तब तक दोनों बच्चों की मौत हो गई थी।

मरने वाले बच्चों में एक बच्चे का नाम सूरज गिरी 5 साल और और दूसरे बच्चे का नाम जुगनू गिरी 5 साल है। घटना के बाद परिजनों ने एंबुलेंस 108 को मदद के लिए काॅल किया गया। लेकिन 6-7 बार कॉल करने के बाद भी एंबुलेंस मौके पर नही पहुंची। उधर इस घटना की जानकारी मिलते ही सरगुजा कलेक्टर विलास संदीपन भोस्कर पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे थे।

पीड़ित परिवार को शव वाहन तक नही मिल सका

परिजनों का आरोप है कि 108 एंबुलेंस के नही आने के बाद दोनों बच्चों को बाइक से लेकर परिजन रघुनाथपुर हॉस्पिटल पहुंचे। हॉस्पिटल में दोनों बच्चों को मृत घोषित कर दिया गया। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और मर्ग कायम किया। उधर शव के वाहन की भी व्यवस्था नही होने पर परिजन रविवार को ही दोनों बच्चों के शव को बाइक पर लेकर वापस घर लौटे। इसके बाद पंचायत के सरपंच और पटवारी ने परिजनों को समझाइश दी। जिसके बाद दोनों बच्चों के शव को लेकर पोस्टमार्टम के लिए परिजन बाइक से ही दोबारा हॉस्पिटल लेकर पहुंचे थे।

खबर दिखाये जाने के बाद हरकत में आये मंत्री

स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही और पोस्टमार्टम के लिए पैसे मांगे जाने की खबर जब मीडिया ने प्रमुखता से दिखायी तो सरकार हरकत में आयी। स्वास्थ्य मंत्री ने तुरंत दोषी अफसरों पर कार्रवाई का निर्देश दिया गया। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने बीएमओं डाॅ. राघवेंद्र चौबे को सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं रघुनाथपुर में ड्यूटी डॉक्टर अमन जायसवाल को बॉन्ड रिलीव कर दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग की इस कार्रवाई के बाद हड़कंप मचा हुआ है।

बीएमओं ने पैसे मांगने की बात से किया इंकार, कहा….

BMO डॉ. राघवेंद्र चौबे ने बताया कि उन्होंने परिजनों से बात की थी। तब परिजनों ने उन्हे किसी भी डॉक्टर द्वारा पैसे मांगने की जानकारी नहीं दी। परिजनों ने बताया कि किसी बिचौलिए के माध्यम से यह बात आई थी। बिचौलिए ने बच्चों के शव का बगैर पोस्टमार्टम के ही रिपोर्ट दिलाने के लिए डॉक्टर से कहा था। इसके लिए 5 से 10 हजार जो खर्च लगेगा, देने को तैयार हैं।

डॉ. चौबे ने बताया कि वे रघुनाथपुर में करीब 3 घंटे तक रहे और बिचौलिए को बुलाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं आया। शव को ले जाने के लिए लुण्ड्रा से वाहन मंगाने की जानकारी परिजन को दी गई। लेकिन पीड़ित परिजन घर पास होने के कारण बाइक से ही शव ले गए। परिजनों ने तर्क दिया था कि जब तक गाड़ी पहुंचेगी, उससे पहले वे घर पहुंच जाएंगे।

Please Share With Your Friends Also

हमारी कोशिश इस वेबसाइट के माध्यम से आप तक राजनीति, खेल, मनोरंजन, जॉब, व्यापार देश विदेश इत्यादि की ताजा और नियमित खबरें आप तक पहुंच सकें। नियमित खबरों के लिए जुड़े रहिए हमारे साथ। जय जोहार ।

Leave a Comment

error: Content is protected !!