रायपुर। चैत्र नवरात्रि का पहला व्रत 30 मार्च, रविवार के दिन रखा जाएगा। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, चैत्र नवरात्रि के पहले दिन कलश की स्थापना कर पूजन शुरू किया जाता है। कई भक्तजन नवरात्रि के 9 दिन व्रत रखते हैं। कलश की स्थापना सदैव शुभ मुहूर्त में विधिवत करनी चाहिए। कलश को तीर्थों का प्रतीक माना जाता है।
ऐसे में कलश स्थापना करने के साथ ही देवी देवताओं का आह्वान भी किया जाता है। कलश के अलग-अलग भागों में त्रिदेवों का वास होता है। कलश के मुख पर भगवान विष्णु, कंठ पर भगवान शिव और मूल में ब्रह्माजी का स्थान माना गया है। कलश के मध्य भाग में मातृ शक्तियों का निवास होता है। इसलिए नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना करने के साथ ही देवी-देवताओं को घर में निमंत्रण दिया जाता है।
घटस्थापना के लिए 4 घण्टे 10 मिनट का शुभ मुहूर्त
1.कलश स्थापना मुहूर्त सुबह 06:13 से 10:22 एएम तक रहेगा, जिसकी अवधि – 04 घण्टे 08 मिनट्स।
2.कलश स्थापना का दूसरा मुहूर्त अभिजित मुहूर्त रहेगा, जो दोपहर 12:01 से 12:50 तक है, जिसकी अवधि – 00 घण्टे 50 मिनट्स है।
पूजा-विधि
1- सुबह उठकर स्नान करें और मंदिर साफ करें
2- कलश स्थापना के बाद दुर्गा माता का गंगाजल से अभिषेक करें।
3- मैया को अक्षत, लाल चंदन, चुनरी, सफेद और लाल पुष्प अर्पित करें।
4- सभी देवी-देवताओं का जलाभिषेक कर फल, फूल और तिलक लगाएं।
5- प्रसाद के रूप में फल और मिठाई चढ़ाएं।
6- घर के मंदिर में धूपबत्ती और घी का दीपक जलाएं
7- दुर्गा सप्तशती और दुर्गा चालीसा का पाठ करें
8 – फिर पान के पत्ते पर कपूर और लौंग रख माता की आरती करें। 9 – अंत में क्षमा प्रार्थना करें।