अंबिकापुर। अंधविश्वास के कारण हत्या का एक दर्दनाक मामला सामने आया है। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में कुसमी थाना क्षेत्र के ग्राम घुटराडीह में रहने वाली 55 वर्षीय चंद्रकली नगेशिया की हत्या उसकी ही पड़ोसी महिला सीतापति नगेशिया (30) ने जादू-टोना के संदेह में कर दी। घटना ने पूरे गांव को दहशत और स्तब्धता में डाल दिया।
बच्चों की मौत ने बढ़ाया संदेह—अंधविश्वास बना कारण
पुलिस के अनुसार, आरोपी सीतापति नगेशिया के चार बच्चों की पिछले कुछ वर्षों में मौत हो चुकी थी। सभी बच्चों की मौत स्वास्थ्य समस्याओं और पेट दर्द की वजह से हुई, लेकिन इन लगातार हुई मौतों ने सीतापति की मानसिक स्थिति को बुरी तरह प्रभावित कर दिया था।
लगातार शोक और तनाव में रहने के कारण वह मानसिक रूप से अस्थिर हो गई और उसे विश्वास हो गया कि गांव की कुछ महिलाएं, खासकर उसकी पड़ोसी चंद्रकली नगेशिया, उसके बच्चों पर जादू-टोना करके उन्हें नुकसान पहुंचा रही हैं। एक सप्ताह पहले उसके तीसरे बेटे की मौत के बाद उसका संदेह और गहरा गया, जिससे वह आक्रोशित और असंतुलित हो गई।
टांगी से किया ताबड़तोड़ हमला—मौके पर ही मौत
गुस्से और अंधविश्वास से भरी सीतापति अपने घर से टांगी लेकर निकली। चंद्रकली उस समय अपने घर के पास बाड़ी में काम कर रही थी। जैसे ही आरोपी वहां पहुंची, उसने बिना कुछ कहे टांगी से चंद्रकली पर ताबड़तोड़ वार करना शुरू कर दिया।सिर और चेहरे पर हुए गंभीर प्रहारों के कारण चंद्रकली ने वहीं दम तोड़ दिया। चंद्रकली की चीख सुनकर आसपास के लोग पहुंचे, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
पुलिस ने आरोपी को टांगी सहित दबोचा
घटना की सूचना मिलते ही कुसमी थाना प्रभारी अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। पुलिस ने आरोपी सीतापति नगेशिया को टांगी सहित गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपी ने स्पष्ट रूप से कहा कि उसे विश्वास है कि चंद्रकली जादू-टोना करती थी और उसी की वजह से उसके बच्चे मर गए।पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेने के बाद न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
एक और महिला पर हमला करने जा रही थी आरोपी
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि चंद्रकली की हत्या के बाद आरोपी टांगी लेकर दूसरी पड़ोसी महिला के घर भी पहुंची थी। उसे भी जादू-टोना करने का शक था। लेकिन वह महिला उस समय अपने मवेशियों को चराने जंगल गई हुई थी, जिससे उसकी जान बच गई।यह घटनाक्रम बताता है कि आरोपी की मानसिक स्थिति बेहद खराब थी और वह अंधविश्वास के चलते और भी बड़ा हादसा कर सकती थी।
समाज में अंधविश्वास का खतरनाक रूप
इस घटना ने क्षेत्र में अंधविश्वास और मिथ्या धारणाओं के खतरों को एक बार फिर उजागर कर दिया है। प्रशासन और पुलिस लोगों से अपील कर रहे हैं कि किसी भी तरह की स्वास्थ्य या सामाजिक समस्या का समाधान वैज्ञानिक तरीके से करें और अंधविश्वासों के जाल में न फंसें।