CG : मंत्रीजी …. ”स्कूल जतन योजना” में 1500 करोड़ के भ्रष्टाचार की जांच में कलेक्टरों ने तो किसी की नहीं सुनी, अब क्या आपकी सुनेंगे !
रायपुर : छत्तीसगढ़ के पूर्ववर्ती सरकार में स्कूलों के जीर्णोधार के नाम पर करीब 1500 करोड़ रूपये का भ्रष्टाचार किया गया। “स्कूल जतन योजना” के नाम से कांग्रेस सरकार में हुए इस भ्रष्टाचार की जांच के लिए खुद मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टरों को 15 दिनों के भीतर जांच रिपोर्ट पेश करने के सख्त निर्देश दिये थे। लेकिन आज 13 महीने बाद भी इस मामले में अधिकांश जिले के कलेक्टरों ने जांच रिपोर्ट पेश नहीं कर सके है। ऐसे में सूबे के नये शिक्षा मंत्री क्या इस 1500 करोड़ रूपये के भ्रष्टाचार की जांच में रोड़ा अटकाने वालों पर एक्शन लेंगे ? या फिर भ्रष्टाचार की जांच में एक बार फिर अफसरशाही हावी रहेगी।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में सत्ता बदलते ही पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कई भ्रष्टाचार के मामले सामने आये। कांग्रेस सरकार में हुए कोयला, शराब और DMF घोटाले में ED, CBI और ACB ने बड़ा एक्शन लेते हुए IAS अफसरों के साथ ही कई बड़े कारोबारियों को अरेस्ट किया। कांग्रेस सरकार में हुए भ्रष्टाचार की फेहरिस्त में एक नाम “स्कूल जतन योजना” का भी आता है। इस योजना के तहत स्कूलों के जीर्णोधार के लिए साल 2022-23 में कांग्रेस सरकार ने 2000 करोड़ रूपये का आबंटन किया था। आरोप है कि पूर्ववर्ती सरकार में अफसरों और राजनेताओं ने मिली भगत कर कागजों में ही स्कूलों का जीर्णोधार कर करीब 1500 करोड़ रूपये का घोटाला किया।
सूबे में सरकार बदलते ही मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जुलाई 2024 को “स्कूल जतन योजना” के तहत साल हुए कार्यो की जांच के निर्देश जारी किये गये। स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने सभी कलेक्टरों को पत्र जारी कर जांच के निर्देश देने के साथ ही 15 दिवस के भीतर जांच रिपोर्ट लोक शिक्षण संचालनालय को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे। लेकिन हद है मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश और स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव के पत्र लिखने के बाद भी अधिकांश जिलों के कलेक्टरों ने इस भ्रष्टाचार की जांच कराना मुनासिब नही समझा। अब आलम ये है कि आज 13 महीने बाद भी कलेक्टरों की नाफरमानी के कारण 1500 करोड़ रूपये के भ्रष्टाचार की जांच के निर्देश फाइलों में धूल खा रही है।
स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव ने कलेक्टरों को क्या दिये थे निर्देश
आपको बता दे स्कूल जतन योजना के नाम पर हुए 1500 करोड़ रूपये के भ्रष्टाचार के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जांच के निर्देश दिये थे। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद 9 जुलाई 2024 को स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने इस संबंध में प्रदेश के सभी जिलों के कलेक्टरों को उक्त योजना के तहत स्वीकृत कार्याें के औचित्य, आवश्यकता, पूर्णता और निर्माणाधीन कार्याें की स्थिति की विशेषज्ञ समिति से जांच कराकर निर्धारित प्रपत्र में 15 दिवस के भीतर जानकारी लोक शिक्षण संचालनालय को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे। इसके साथ ही उन्होंने कलेक्टरों को सभी कार्याें की अद्यतन स्थिति की जांच कराने के निर्देश और गड़बड़ी पाए जाने पर संबंधितों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए थे। लेकिन शिक्षा सचिव के पत्र को प्रदेश के अधिकांश कलेक्टरों ने गंभीरता से नही लिया। यहीं वजह है कि आज 13 महीने बाद भी इस भ्रष्टाचार के मामले में कोई बड़ा एक्शन नही हो सका है।
तो क्या अब शिक्षा मंत्री स्कूल जतन योजना पर लेंगे एक्शन ?
छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद सरकार ने कद्दावर और तेज तर्रार नेता गजेंद्र यादव को शिक्षामंत्री की कमान सौंपी है। गजेंद्र यादव के शिक्षामंत्री बनते ही एक बार फिर इस बात को लेकर चर्चाए तेज है कि क्या शिक्षा मंत्री स्कूल जतन योजना के नाम पर हुए भ्रष्टाचार पर अपनी निगाहे टेढ़ी करेंगे ? आखिर वो कौन सी शक्तियां है जिनके प्रभाव में आकर आज 13 महीने बाद भी कलेक्टरों ने सरकार के आदेशों की ही नाफरमानी कर दी ? सवाल ये भी है कि क्या जिन कलेक्टरों ने स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव के पत्र पर कोई संज्ञान नही लिया, वहीं कलेक्टर अब क्या शिक्षा मंत्री के आदेश का पालन करेंगे ? ऐसे में अब ये देखने वाली बात होगी कि सूबे के नये शिक्षा मंत्री क्या समय रहते स्कूल जतन योजना के नाम पर हुए अरबों रूपये के घोटाले का पर्दाफाश कर दोषियों पर एक्शन ले पायेंगे ? ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा।