Liquor Prices Increase News : एक – दो दिनों में महंगी होगी शराब! …. 10 रुपये से लेकर 40 रुपये तक होगा कीमतों में इजाफा, सरकार की तैयारी पूरी ….
हैदराबाद : तेलंगाना की कांग्रेस सरकार जल्द ही राज्य के मदिर प्रेमियों को बड़ा झटका दे सकती है। जानकारी के मुताबिक़ रेवंत रेड्डी की सरकार शराब पर विशेष उत्पाद शुल्क (एसईसी) लगाने की योजना बना रही है।
योजना के मुताबिक़ विभिन्न ब्रांडों की शराब की कीमतों में 180 मिलीलीटर पर कम से कम 10 रुपये, 375 मिलीलीटर पर 20 रुपये और 750 मिलीलीटर पर 40 रुपये की बढ़ोतरी करने की योजना है। इस बारें में हुई बातचीत पर एक शराब व्यापारी ने कहा है, “अभी तक उत्पाद शुल्क विभाग की ओर से कोई सूचना नहीं मिली है। हमें पता चला है कि एक या दो दिन में कीमतों में बढ़ोतरी होगी।” फरवरी में बीयर की कीमतों में 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी के बाद यह बढ़ोतरी हुई है।
बीयर के दामों में होगी गिरावट?
जानकारी के मुताबिक़ अब ब्रिटिश बीयर के दामों में भारी कटौती की जा रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि बीयर पर लगने वाला 150 प्रतिशत टैक्स अब घटकर 50% रह जाएगा। इसका सीधा असर बीयर के दामों पर पड़ेगा यानी 200 रुपये में मिलने वाली बीयर की कीमत महज 50 रुपये हो जाएगी। मीडिया भारत और ब्रिटेन के बीच हुए मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के बाद ब्रिटेन की बियर पर टैक्स में 75 प्रतिशत की कमी की गई है। इससे बियर के शौक़ीनों को ब्रिटेन की बियर पर 75 प्रतिशत तक सस्ती कीमतों का फायदा मिलेगा।
साथ ही, ब्रिटेन की स्कॉच व्हिस्की पर भी टैक्स कम किया गया है, जिससे यह भी सस्ती हो जाएगी। अब तक भारत में ब्रिटेन की बियर पर 150 प्रतिशत तक टैक्स लगता था, लेकिन अब एफटीए समझौते के तहत यह टैक्स घटाकर 75 प्रतिशत कर दिया गया है। इस टैक्स में कटौती का सीधा फायदा बियर के शौक़ीनों को होगा, क्योंकि अब ब्रिटेन की बियर पहले के मुकाबले काफी सस्ती मिलेगी। इस समझौते का लाभ न केवल बियर के शौक़ीनों को मिलेगा, बल्कि अन्य ब्रिटिश उत्पादों पर भी टैक्स कम होगा।
एफटीए में और क्या बदलाव हुआ?
भारत और ब्रिटेन के बीच यह मुक्त व्यापार समझौता 6 मई को पूरा हुआ था। इस समझौते के तहत भारत ने ब्रिटेन की वाइन पर किसी प्रकार की शुल्क रियायत नहीं दी है, जबकि बीयर पर सीमित आयात शुल्क लाभ प्रदान किया गया है। वहीं, भारत के लिए एक महत्वपूर्ण जानकारी यह है कि इस समझौते में वाइन को बहिष्कृत सूची में रखा गया है। इसका मतलब यह है कि ब्रिटेन से वाइन आयात पर कोई शुल्क कटौती नहीं की जाएगी।