रायपुर : राजधानी रायपुर में बढ़ते ट्रैफिक दबाव को नियंत्रित करने के लिए शहर पुलिस ने 25 ट्रैफिक वार्डन तैनात किए हैं। नगर निगम और जिला प्रशासन ने यातायात पुलिस को ये वार्डन उपलब्ध कराए हैं, जो कलेक्टर दर पर अस्थायी कर्मचारी के रूप में कार्य करेंगे। इन वार्डनों को कोई कानूनी अधिकार नहीं होगा।
ट्रैफिक जाम से निपटने की पहल
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) लाल उमेद सिंह ने बताया कि रायपुर में वाहनों की संख्या लगातार बढ़ने से चौक-चौराहों पर यातायात का दबाव बढ़ गया है। बाजार क्षेत्रों में सड़क किनारे अवैध पार्किंग के कारण अव्यवस्था हो रही है। यातायात पुलिस बल की कमी के चलते सभी जंक्शनों पर ड्यूटी लगाना संभव नहीं हो पा रहा था। इस कमी को पूरा करने के लिए जिला प्रशासन, नगर निगम, जिला पंचायत और रायपुर पुलिस ने संयुक्त रूप से 25 ट्रैफिक वार्डन नियुक्त किए हैं।
इन वार्डनों को कलेक्टर दर पर निर्धारित मानदेय दिया जाएगा। उन्हें चौक-चौराहों पर ट्रैफिक व्यवस्था संभालने का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसके बाद जाम की समस्या वाले स्थानों पर तैनात किया जाएगा।

प्रदर्शन के आधार पर होगी समीक्षा
रायपुर कलेक्टर गौरव सिंह और आयुक्त विश्वदीप ने कहा कि यह नियुक्ति अस्थायी है। एक माह बाद वार्डनों के प्रदर्शन की समीक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा, “जिस तरह अतिक्रमण हटाने में प्रहरी टीम के कार्यों की जनता प्रशंसा करती है, उसी तरह ट्रैफिक वार्डनों की उपस्थिति से व्यवस्था में सुधार दिखना चाहिए। जाम से लोगों को राहत मिले और जनता आपके कार्यों की सराहना करे, यही उद्देश्य है।”
छत्तीसगढ़ में लागू होगा गुजरात मॉडल
पुलिस महानिरीक्षक अमरेश मिश्रा ने बताया कि भारत में गुजरात पहला राज्य था, जहां ट्रैफिक वार्डनों को पुलिस का हिस्सा बनाया गया। छत्तीसगढ़ में रायपुर जिले से इसकी शुरुआत की जा रही है। रायपुर के परिणामों के आधार पर अन्य जिलों में भी ट्रैफिक वार्डन योजना शुरू की जा सकती है। इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) प्रशांत अग्रवाल, यातायात डीएसपी गुरजीत सिंह, संतोष ठाकुर सहित जिला प्रशासन, नगर निगम और पुलिस के कई अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।