नशे में धुत शिक्षक लड़खड़ाते हुए छात्रों के सामने ही गिर पड़े, शराबी शिक्षक का वीडियो हुआ वायरल, जांच टीम गठित…

नशे में धुत शिक्षक लड़खड़ाते हुए छात्रों के सामने ही गिर पड़े, शराबी शिक्षक का वीडियो हुआ वायरल, जांच टीम गठित…

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में सरकारी स्कूलों में नशे में धुत शिक्षकों के वीडियो लगातार सामने आ रहे हैं, जिससे राज्य की शिक्षा व्यवस्था की गंभीरता पर सवाल उठने लगे हैं। ताजा मामला बिलासपुर जिले के मस्तूरी विकासखंड के ग्राम पंचायत नेवारी स्थित शासकीय पूर्व माध्यमिक प्राथमिक शाला का है, जहां के प्रधानपाठक हितेंद्र तिवारी का शराब के नशे में स्कूल पहुंचने का वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

वायरल वीडियो में स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि प्रधानपाठक हितेंद्र तिवारी नशे की हालत में विद्यालय परिसर में लड़खड़ाते हुए चल रहे हैं। कुछ ही देर बाद वह संतुलन खो देते हैं और जमीन पर गिर पड़ते हैं। इस दौरान स्कूल के छोटे-छोटे बच्चे उन्हें संभालने की कोशिश करते नजर आते हैं। मासूम बच्चों को अपने शिक्षक को इस हालत में देख न केवल असहजता हुई, बल्कि उनके चेहरे पर डर और चिंता भी साफ झलक रही थी।

ग्रामीणों और अभिभावकों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब शिक्षक शराब पीकर स्कूल आए हों। उनका आरोप है कि प्रधानपाठक हितेंद्र तिवारी अक्सर शराब के नशे में स्कूल आते हैं, जिससे बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है। इसके बावजूद शिक्षा विभाग की ओर से अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं किए जाने पर लोगों में आक्रोश है।

वीडियो वायरल होने के बाद क्षेत्र में हड़कंप मच गया और अभिभावकों ने स्कूल पहुंचकर विरोध जताया। ग्रामीणों ने कहा कि अगर ऐसे शिक्षकों पर सख्त कार्रवाई नहीं की गई तो वे सामूहिक आंदोलन करेंगे और शिक्षा विभाग का घेराव भी करेंगे।

मामले की सूचना मिलने पर शिक्षा विभाग के अधिकारी भी सक्रिय हुए हैं। जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) कार्यालय ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि मामले में जांच टीम गठित कर दी गई है। जांच रिपोर्ट आने के बाद शिक्षक पर नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें निलंबन भी शामिल हो सकता है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, यदि आरोप सही पाए गए, तो शिक्षक को सेवा से बर्खास्त करने तक की कार्रवाई संभव है।

वायरल वीडियो : 

शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं न केवल बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हैं बल्कि शिक्षक-छात्र संबंधों की पवित्रता को भी आघात पहुंचा रही हैं। लगातार सामने आ रहे ऐसे मामलों से सरकारी स्कूलों के प्रति जनविश्वास कम हो रहा है।

इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या शिक्षा विभाग ऐसे मामलों में सख्त और त्वरित कार्रवाई करेगा या मामले की फाइलें फिर अलमारियों में धूल खाती रह जाएंगी? स्कूलों में शिक्षकों का नशे में पहुंचना न सिर्फ कानूनन अपराध है, बल्कि यह बच्चों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी खतरा है।

 

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