प्रेम के अंधे जुनून की सजा: पति की गला घोंटकर की हत्या, पत्नी और प्रेमी को आजीवन कारावास

प्रेम के अंधे जुनून की सजा: पति की गला घोंटकर की हत्या, पत्नी और प्रेमी को आजीवन कारावास

सूरजपुर। छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। अदालत ने एक कलयुगी पत्नी और उसके प्रेमी को अपने ही पति की हत्या के जुर्म में आजीवन कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई है। दोनों ने प्रेम संबंध छिपाने के लिए पति का गला घोंटकर निर्मम हत्या की थी और शव को घर से दूर खेत में फेंक दिया था। यह मामला कोतवाली थाना क्षेत्र के नमदगिरी गांव का है। न्यायालय ने डॉग स्क्वॉड रिपोर्ट, लास्ट सीन थ्योरी और कॉल डिटेल के आधार पर दोनों को दोषी पाया और सजा सुनाई।

मामला: पत्नी ने प्रेमी संग रची पति की हत्या की साजिश
जानकारी के अनुसार, नमदगिरी गांव निवासी युवक की शादी कुछ साल पहले हुई थी। लेकिन विवाह के कुछ समय बाद उसकी पत्नी के गांव के ही एक युवक से अवैध संबंध बन गए। पति को जब इस संबंध की भनक लगी, तो घर में आए दिन झगड़े होने लगे। संबंध उजागर होने के डर से पत्नी और प्रेमी ने पति को रास्ते से हटाने की साजिश रची।घटना की रात आरोपी प्रेमी युवक घर पहुंचा और पत्नी की मदद से पति की गला घोंटकर हत्या कर दी। हत्या के बाद दोनों ने शव को घर से दूर खेत में ले जाकर फेंक दिया, ताकि घटना को किसी दुर्घटना जैसा दिखाया जा सके।

डॉग स्क्वॉड और तकनीकी साक्ष्यों से खुला राज
हत्या के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की। शुरुआत में यह अंधा कत्ल लग रहा था क्योंकि कोई प्रत्यक्षदर्शी नहीं था। लेकिन जांच के दौरान पुलिस ने डॉग स्क्वॉड की मदद ली। खोजी कुत्ता सीधा मृतक के घर तक पहुंचा, जिससे शक पत्नी पर गहराया।इसके बाद पुलिस ने लास्ट सीन थ्योरी और कॉल डिटेल रिकॉर्ड खंगाले। इसमें यह सामने आया कि घटना की रात मृतक की पत्नी और उसके प्रेमी के बीच लगातार संपर्क था। तकनीकी साक्ष्य और व्यवहारिक तथ्यों ने यह साबित किया कि हत्या दोनों ने मिलकर की थी।

अदालत ने सुनाई सजा — आजीवन कारावास और अर्थदंड
मजबूत सबूतों और गवाहों के आधार पर न्यायालय ने दोनों आरोपियों को दोषी ठहराया। तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश डायमंड कुमार गिलहरे की अदालत ने निर्णय सुनाते हुए दोनों आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 और 34 के तहत आजीवन कारावास और 10-10 हजार रुपए अर्थदंड की सजा दी।

इसके अलावा, अदालत ने भादंसं की धारा 201 और 34 (साक्ष्य छिपाने का प्रयास) के तहत दोनों को 2 वर्ष का सश्रम कारावास और 10-10 हजार रुपए अर्थदंड से भी दंडित किया। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य और जांच टीम की कार्यप्रणाली से यह अपराध “संदेह से परे सिद्ध” हुआ है।

पुलिस की सतर्कता और सबूतों ने दिलाई न्याय
इस मामले में सूरजपुर पुलिस की भूमिका अहम रही। डॉग स्क्वॉड की सक्रियता, तकनीकी विश्लेषण और वैज्ञानिक साक्ष्यों की मदद से पुलिस ने इस “अंधे कत्ल” की गुत्थी सुलझाई। पुलिस ने चार्जशीट तैयार कर समय पर अदालत में पेश की, जिसके बाद यह ऐतिहासिक फैसला सामने आया।

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