इंदौर में किन्नरों का फिनाइल पीकर जान लेने की कोशिश का मामला, मामले में नए चहरे की एंट्री की बड़ी मांग…
इंदौर। इंदौर में चल रहा किन्नर समाज से जुड़ा विवाद अब और गहराता जा रहा है। जहां एक ओर किन्नरों के दो गुटों के बीच गद्दी, संपत्ति और नेतृत्व को लेकर संघर्ष छिड़ा हुआ है, वहीं दूसरी ओर इस विवाद में अब देश की पहली ट्रांसजेंडर कथा वाचक और वैष्णव अखाड़ा किन्नर प्रमुख जगतगुरु हिमांगी सखी की भी एंट्री हो चुकी है। उत्तर प्रदेश में ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने का विरोध करने के बाद चर्चा में आई हिमांगी सखी ने एक वीडियो जारी कर पूरे विवाद पर बड़ा बयान दिया है।
हिमांगी सखी ने क्या कहा ?
हिमांगी सखी ने कहा कि देश के कई शहरों में बांग्लादेशी किन्नर सक्रिय हैं, जो किन्नर समाज की छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि कुछ पुरुष वर्ग के लोग खुद को किन्नर बताकर समाज में भ्रांतियां फैला रहे हैं और यह भी आरोप लगाया कि इन लोगों में जिहादी मानसिकता वाले तत्व भी शामिल हैं, जो सनातन परंपरा से जुड़े किन्नरों को निशाना बना रहे हैं। उन्होंने मांग की कि इन संदिग्ध किन्नरों की मेडिकल जांच और दस्तावेजों की सघन जांच होनी चाहिए और इसके लिए एक विशेष एसआईटी का गठन किया जाए।
क्या है पूरा मामला
इंदौर में बीते दिनों हुए घटनाक्रम में 15 अक्टूबर को पंढरीनाथ थाना क्षेत्र में 24 किन्नरों द्वारा फिनाइल पीने की घटना ने सभी को चौंका दिया। इसके बाद चार किन्नरों ने आत्मदाह की कोशिश की, जिन्हें पुलिस ने समय रहते रोक लिया। इस घटना के बाद सपना नामक किन्नर को जेल भेजा गया, जिससे विवाद और भी बढ़ गया। इधर, सपना के वकील सचिन सोनकर ने वरिष्ठ किन्नर नेता लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी पर झूठे आरोप लगाने और बदनाम करने की साजिश का आरोप लगाया। वहीं त्रिपाठी ने भी पलटवार करते हुए सपना और उनके वकील पर गंभीर आरोप लगाए।
इस विवाद के पीछे लंबे समय से चल रहा गद्दी और संपत्ति विवाद मुख्य कारण बताया जा रहा है। पायल हाजी और सीमा गुरु के अनुयायी कई बार आमने-सामने आ चुके हैं। वकील सोनकर ने प्रशासन के सामने सीमा और पायल के खिलाफ विदेशी फंडिंग और बदसलूकी से जुड़े दस्तावेज भी पेश किए हैं, और यह दावा किया कि अगर आरोप झूठे साबित होते हैं तो वे 11 लाख रुपये इनाम में देंगे।
दूसरी ओर, पायल हाजी ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया और कहा कि पूर्व में हुई एसआईटी जांच में उन्हें क्लीन चिट मिल चुकी है। लेकिन फिर भी कुछ लोग बार-बार उनके नाम को विवादों में घसीट रहे हैं।
भोपाल तक पहुंचा मामला
अब मामला इतना बढ़ चुका है कि इंदौर से निकलकर भोपाल तक पहुंच गया है, और सूत्रों की मानें तो राज्य सरकार नई एसआईटी गठित करने पर विचार कर रही है, जो भोपाल से मामले की निगरानी करेगी।
इस बीच बीजेपी ने भी इस मामले में हस्तक्षेप किया है। पार्टी प्रतिनिधिमंडल ने इंदौर के पुलिस कमिश्नर से मुलाकात कर पूरे विवाद की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। फिलहाल प्रशासन सतर्क हो गया है और सभी पक्षों से पूछताछ की जा रही है।