CG : सडक की जगह तालाब घोषित कर दीजिए साहब त्रस्त व्यापारियों ने किया अनोखा विरोध प्रदर्शन देखिए क्या हाल हो गया है रोड का

CG : सडक की जगह तालाब घोषित कर दीजिए साहब त्रस्त व्यापारियों ने किया अनोखा विरोध प्रदर्शन देखिए क्या हाल हो गया है रोड का

कोरबा : कोरबा में कुसमुंडा-इमलीछापार फोरलेन सड़क अब स्थानीय लोगों के लिए आफत बन गयी है। जब इस सड़की नींव रखी गयी, तब लोगों को जर्जर सड़क की समस्या से निजात मिलने की उम्मींद थी। लेकिन पूर्ववर्ती सरकार में शुरू हुई ये सड़क सरकार के बदलते ही बीच रास्ते में ही आम लोगों को धोखा दे गयी। अब आलम ये है कि जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अफसरों की उदासीनता का खामियाजा आम नागरिक भुगत रहे है। सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढो में पानी भरने से हलाकान स्थानीय व्यापारियों ने सड़क पर नहाकर विरोध प्रदर्शन करते हुए उग्र आंदोलन की चेवातनी दी है।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले कोदुनिया के सबसे बड़े कोयला खदान संचालित होने का गौरव प्राप्त है। लेकिन इसी कोयला नगरी के लोग आज जन सुविधाओं के नाम पर खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे है। दरअसल बात तीन साल पहले की है। एसईसीएल के कुसमुडा खदान से कोयला परिवहन के कारण क्षेत्र की सड़के पूरी तरह से बदहाल हो चुकी थी। तब राजस्व मंत्री रहे जयसिंह अग्रवाल ने जर्जर सड़क को सुदृढ़ करने के लिए एसईसीएल प्रबंधन पर दबाव बनाया था। एसईसीएल ने सीएसआर मद से फोरलेन सड़क निर्माण के लिए बकायदा फंड भी जारी किया गया।

पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में कोरबा-कुसमुंडा फोरलेन सड़क का काम शुरू भी हुआ। लेकिन राजनीतिक संरक्षण में अरबों रूपये के इस सड़क का कायाकल्प नही हो सका। लेकिन आज 3 साल बाद भी सड़क का काम अधूरा पड़ा है। प्रदेश में सत्ता बदलने के बाद जहां ठेका कंपनी ने सड़क निर्माण के काम पर ब्रेक लगा दिया। जिससे अब स्थानीय लोगों को रोजाना खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अधूरे फोरलेन और जर्जर सड़क पर बने गड्ढो में बारिश का पानी भरने से आये दिन दुर्घटना का खतरा बना रहता है। बावजूद इसके जवाबदार अफसर और राजनेता उदासीन बने हुए है।

बस इसी उदासीनता से परेशान स्थानीय व्यापारियों का गुस्सा रविवार को फूट पड़ा। सड़क की जर्जर स्थिति से तंग आकर व्यवसायियों ने सड़क पर उतरकर अनोखा प्रदर्शन किया। उन्होंने गड्ढों में भरे गंदे कीचड़ युक्त पानी में खड़े होकर न सिर्फ विरोध जताया, बल्कि उसी पानी से नहाकर प्रशासन को उसकी निष्क्रियता की हकीकत दिखाकर नींद से जगाने का प्रयास किया गया।

तय समय में भी पूरा नही हो सका फोरलेन

कुसमुंडा क्षेत्र के ​व्यापारियों का आरोप है कि फोरलेन सड़क का काम पिछले 2 साल से बंद पड़ा है। इमलीछापर में ओवरब्रिज के काम के लिए मकानों को बारिश में तोड़ दिया गया। लेकिन आज भीओवरब्रिज का काम बंद है। जिससे स्थिति और भी भयावह हो गई है। अधूरे फोरलेन और ओवरब्रिज का काम शुरू नही होने के कारण पूरी सड़क अब गड्ढों में तब्दील हो चुकी है। जिससे रोज़ाना राहगीरों और वाहनों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

मंत्री की चेतावनी के बाद भी फर्म को नही किया जा सका ब्लैकलिस्टेड

कुसमुुंडा-इमलीछापर फोरलेन मार्ग के अधूरे कार्य को लेकर पहले भी स्थानीय लोगों ने शासन-प्रशासन से शिकायत की थी। इस गंभीर मुद्दे पर कोरबा विधायक और उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने सड़क बना रही फर्म को ब्लैकलिस्ट करने की बात कही थी। लेकिन मंत्री देवांगन के इस दावे के बाद भी जवाबदार विभाग ने ना तो फर्म पर कोई एक्शन लिया और ना ही सड़क का कार्य आज तक पूरा हो सका है। जिसका खामियाजा स्थानीय निवासी और व्यापारी भुगत रहे है।

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