शिक्षकों के वेतनमान मामले में हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी, 15 सितंबर तक सरकार से मांगा जवाब

शिक्षकों के वेतनमान मामले में हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी, 15 सितंबर तक सरकार से मांगा जवाब

बिलासपुर। क्रमोन्नत वेतनमान और एरियर्स की मांग को लेकर प्रदेशभर के शिक्षकों की अदालत में जंग तेज हो गई है। इसी क्रम में बिलासपुर हाईकोर्ट में शुक्रवार को करीब 300 शिक्षकों की अलग-अलग याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से पैरवी कर रहे महाधिवक्ता कार्यालय के विधि अधिकारियों ने जवाब पेश करने के लिए समय मांगा। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि जब पहले से ही सुनवाई की तारीख तय थी, तो तैयारी अधूरी क्यों रही।

हालांकि, अदालत ने राज्य सरकार को अंतिम मौका देते हुए 15 सितंबर तक जवाब पेश करने का निर्देश दिया है। इसके बाद सभी याचिकाओं पर सुनवाई आगे बढ़ेगी। साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के वकीलों को रिप्लाई (रिज्वाइंडर) दाखिल करने की भी अनुमति दी है।

शिक्षकों का आरोप है कि स्कूल शिक्षा विभाग और DPI ने समान प्रकरणों में भेदभाव किया है। बता दें कि इससे पहले शिक्षिका सोना साहू केस में हाई कोर्ट ने राज्य शासन को क्रमोन्नत वेतनमान और एरियर्स की राशि भुगतान करने का आदेश दिया था। आदेश के बाद शिक्षिका को पूरा भुगतान भी कर दिया गया था। यह फैसला शिक्षकों के लिए टर्निंग पाइंट साबित हुआ और बड़ी संख्या में शिक्षक कोर्ट की शरण में पहुंचने लगे।

जानकारी के मुताबिक, अब तक 27 हजार से अधिक शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर कर दी हैं। इनमें से कई मामलों की क्रमवार सुनवाई शुरू हो चुकी है। वहीं, जिन शिक्षकों ने पहले याचिका लगाई थी, उन्हें कोर्ट ने विभाग के समक्ष अभ्यावेदन देने और नियमानुसार कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग और DPI ने उन अभ्यावेदनों को खारिज कर दिया। अब वे शिक्षक भी दोबारा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा रहे हैं।

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