राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम को किया संबोधित, छत्तीसगढ़ी में शुरू किया भाषण

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम को किया संबोधित, छत्तीसगढ़ी में शुरू किया भाषण

सरगुजा :- जनजातीय गौरव दिवस समारोह में पहुंची राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने छत्तीसगढ़ी में अपना संबोधन शुरू किया. उन्होंने कहा कि 1 नवंबर को छत्तीसगढ़ ने 25 वर्ष पूरे होने पर रजत जयंती मनाया. सभी प्रदेशवासियों को बहुत बहुत बधाई. छत्तीसगढ़ में एक तिहाई जनसंख्या जनजातीय समाज की है. 15 नवंबर को देशवासियों ने पांचवां जनजातीय गौरव दिवस मनाया.

इस साल छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने 1 नवंबर से 15 नवंबर तक जनजातीय गौरव पखवाड़ा मनाया. इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार की सराहना करती हूं. नया रायपुर में आदिवासी संग्रहालय शुरू किया गया. ये संग्रहालय प्रदेशवासियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा.

छत्तीसगढ़ में अपनापन महसूस होता है. यहां से ओडिशा और झारखंड लगभग 200 किलोमीटर की दूरी है. राजनीति से पहले कई बार छत्तीसगढ़ आई हूं. ओडिशा औऱ छत्तीसगढ़ का रिश्ता रोटी बेटी का नाता है. अधिकांश जीवन ओडिशा में बीता. झारखंड में राज्यपाल के रूप में काम की.

हेलीपेड से आते हुए जनजातीय समाज और परंपरा नजर आ रही थी. ये संस्कृति जीवित रहनी चाहिए. ये हमारी पहचान है. मैं भी जनजातीय समुदाय की बेटी हूं. महिला होने और इस समुदाय से रिश्ता होने पर गर्व है.

महिला आगे बढ़ेगी तो समाज आगे बढ़ेगा.

भगवान बिरसा मुंडा के 151वीं जयंती के दौरान कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. बिरसा मुंडा ऐसे वीर थे जिन्होंने अंग्रेजों की हालत खऱाब कर दी थी. अंग्रेजों को दिनरात सिर्फ बिरसा मुंडा ही नजर आता था. जनजातीय समाज को आगे बढ़ाना होगा और हमारी संस्कृति को मजबूत करना होगा.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि छत्तीसगढ़ में जनजातीय समाज के लिए कई कार्य किए जा रहे हैं.

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