फ्लाई ऐश के प्रदूषण और सड़कों की बदहाली पर हाईकोर्ट सख्त! दो हफ्ते में स्थायी समाधान की रिपोर्ट मांगी…

फ्लाई ऐश के प्रदूषण और सड़कों की बदहाली पर हाईकोर्ट सख्त! दो हफ्ते में स्थायी समाधान की रिपोर्ट मांगी…

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने कोरबा जिले में फ्लाई ऐश के प्रदूषण और सड़कों की दयनीय स्थिति पर गंभीर रुख अपनाया है। अदालत ने NTPC, SECL और BALCO जैसे बड़े औद्योगिक प्रतिष्ठानों की ओर से किए जा रहे अस्थायी उपायों पर नाराजगी जताते हुए पीडब्ल्यूडी सचिव से दो सप्ताह में स्थायी सड़क निर्माण की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। साथ ही BALCO और NTPC के सीएमडी को व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का भी निर्देश दिया गया है। नगर निगम कोरबा को भी इस मामले में पक्षकार बनाया गया है। अगली सुनवाई 14 नवंबर को होगी।

मामले की पृष्ठभूमि

कोरबा, जिसे छत्तीसगढ़ का ऊर्जा राजधानी कहा जाता है, पिछले कई वर्षों से फ्लाई ऐश प्रदूषण और सड़कों की खस्ताहाल स्थिति की समस्या से जूझ रहा है। thermal power plants और कोयला खदानों से निकलने वाली राख (fly ash) के उचित निपटान में लापरवाही के कारण स्थानीय लोगों का जीवन प्रभावित हो रहा है। कोरबा की सड़कों पर जगह-जगह गड्ढे बन गए हैं, जिनसे आवागमन और स्वास्थ्य दोनों पर खतरा मंडरा रहा है।इस विषय पर जनहित याचिका दायर की गई थी, जिस पर बुधवार को मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ (Division Bench) ने सुनवाई की।

हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी

सुनवाई के दौरान अदालत ने स्पष्ट कहा कि “सिर्फ अस्थायी मरम्मत से जनता को राहत नहीं मिल सकती।”
न्यायालय ने कोरबा में सड़कों की दुर्दशा और फ्लाई ऐश के खुले परिवहन पर गंभीर चिंता जताई।
मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने कहा कि सार्वजनिक हित में यह आवश्यक है कि सड़क निर्माण और फ्लाई ऐश प्रबंधन के लिए स्थायी और वैज्ञानिक समाधान तैयार किया जाए।अदालत ने NTPC, SECL और BALCO से जवाब मांगा कि उन्होंने अब तक कितनी कार्रवाई की है और क्यों अस्थायी उपायों तक ही सीमित रहे हैं।

BALCO और NTPC के खिलाफ सख्त निर्देश

कोर्ट ने BALCO और NTPC के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (CMD) को व्यक्तिगत हलफनामा (affidavit) दाखिल करने का आदेश दिया है।
इस हलफनामे में उन्हें बताना होगा कि—

  • फ्लाई ऐश प्रबंधन के लिए क्या ठोस कदम उठाए गए,
  • सड़कों की मरम्मत और स्थायी निर्माण में अब तक क्या प्रगति हुई,
  • और आने वाले दिनों में क्या योजना बनाई गई है।

अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि रिपोर्ट संतोषजनक नहीं हुई तो कड़ी प्रशासनिक और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

PWD सचिव को सौंपी बड़ी जिम्मेदारी

पीडब्ल्यूडी सचिव को दो सप्ताह के भीतर स्थायी सड़क निर्माण की विस्तृत रिपोर्ट अदालत में पेश करने का आदेश दिया गया है।
रिपोर्ट में सड़कों की वर्तमान स्थिति, प्रस्तावित मरम्मत, निर्माण की लागत और समयसीमा का स्पष्ट विवरण देने को कहा गया है।
कोर्ट ने टिप्पणी की कि “जनता को हर बार अस्थायी मरम्मत का झांसा नहीं दिया जा सकता।”

नगर निगम को भी बनाया गया पक्षकार

अदालत ने इस मामले में नगर निगम कोरबा को भी पक्षकार (respondent) बनाया है। निर्देश दिया गया है कि नगर निगम क्षेत्र के भीतर सड़क और जल निकासी की जिम्मेदारी वहन करेगा और अगली सुनवाई में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करेगा।

अगली सुनवाई 14 नवंबर को

कोर्ट ने सभी पक्षों को 14 नवंबर 2025 तक अपनी रिपोर्टें और हलफनामे दाखिल करने का निर्देश दिया है।
अदालत ने स्पष्ट किया कि यदि समयसीमा का पालन नहीं किया गया तो जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

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