अस्पताल की बडी लापरवाही… पहले मौत फिर मासूम को वाहन भी नहीं हुआ नसीब, शव को थैले में डालकर गांव पहुंचे परिजन
चाईबासा:- मानवता को झकझोर देने वाली एक बेहद दुःखद और शर्मनाक घटना पश्चिमी सिंहभूम जिले से सामने आई है. इस घटना ने स्वास्थ्य सिस्टम को सवाल के कटघरे में खड़ा कर दिया है. एक परिजन अपने बच्चे का इलाज कराने सदर अस्पताल पहुंचे. जहां बच्चे की जान तो नहीं बच सकी लेकिन मासूम को आखिर में शव वाहन भी नसीब नहीं हुआ. जिसके चलते परिजन को अपने बच्चे का शव एक थैले में डालकर गांव ले जाना पड़ा.
दरअसल, नोवामुंडी प्रखंड के बालजोड़ी गांव निवासी डिम्बा चतोम्बा को अपने 4 वर्षीय मासूम बच्चे के शव को सम्मान के साथ घर ले जाना था, जिसके लिए शव वाहन नसीब नहीं हुई. मजबूरन टूटे हुए पिता ने बच्चे के शव को थैले में रखकर बस से गांव ले जाने का फैसला किया.
इलाज के दौरान मासूम की मौत
प्राप्त जानकारी के अनुसार, डिम्बा चतोम्बा अपने बच्चे की तबीयत अचानक बिगड़ने पर उसे इलाज के लिए चाईबासा सदर अस्पताल लेकर पहुंचे थे. परिजनों को उम्मीद थी कि अस्पताल में बेहतर इलाज मिलेगा, लेकिन इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो गई. मासूम की मौत के बाद पूरा परिवार गहरे सदमे में चला गया.
शव वाहन के लिए घंटों की गुहार, नहीं मिली मदद
बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने शव को गांव ले जाने के लिए अस्पताल प्रबंधन से शव वाहन उपलब्ध कराने की मांग की. बताया जाता है कि परिजन घंटों तक अस्पताल परिसर में शव वाहन का इंतजार करते रहे, लेकिन कोई व्यवस्था नहीं मिली. इस मामले में अस्पताल प्रशासन ने न कोई वैकल्पिक व्यवस्था की और न ही किसी जिम्मेदार अधिकारी ने संवेदनशीलता दिखाई.
गरीबी और व्यवस्था की बेरुखी ने तोड़ा पिता का हौसला
गरीब और असहाय पिता डिम्बा चतोम्बा के पास निजी वाहन किराए पर लेने तक के साधन नहीं थे. प्रशासनिक संवेदनहीनता और स्वास्थ्य व्यवस्था की लापरवाही से टूट चुके परिजन आखिरकार बच्चे के शव को एक थैले में रखकर बस से बालजोड़ी गांव ले जाने को विवश होना पड़ा. इसे देखकर वहां मौजूद लोगों की आंखें नम हो गई.