CG : युक्तियुक्तकरण के बाद भी नहीं बदले हालात, शिक्षकों की कमी से नाराज़ पालक और छात्रों ने स्कूल गेट पर जड़ा ताला, प्रदर्शन

CG : युक्तियुक्तकरण के बाद भी नहीं बदले हालात, शिक्षकों की कमी से नाराज़ पालक और छात्रों ने स्कूल गेट पर जड़ा ताला, प्रदर्शन

कवर्धा : कवर्धा जिले के झलमला स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में आज उस समय स्थिति तनावपूर्ण हो गई जब छात्र-छात्राओं और पालकों ने स्कूल के मेन गेट पर ताला जड़ दिया। गुस्साए पालकों और बच्चों ने स्कूल गेट के बाहर खड़े होकर जमकर नारेबाजी की और शिक्षा विभाग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। विद्यालय में इस समय लगभग 350 से अधिक छात्र-छात्राएँ अध्ययनरत हैं, लेकिन विषयवार शिक्षकों की भारी कमी के कारण बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है।

अभिभावकों का कहना है कि बार-बार शिकायतों और आवेदन देने के बावजूद जिम्मेदार अधिकारी इस गंभीर समस्या पर ध्यान नहीं दे रहे। प्रदर्शन कर रहे पालकों ने बताया कि उन्होंने कई बार शिक्षा विभाग और कलेक्टर कार्यालय को ज्ञापन सौंपा, लेकिन उनकी मांगों पर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। लगातार उपेक्षा से परेशान होकर आज पालक और बच्चे सड़क पर उतर आए और स्कूल के गेट पर ताला लगाकर प्रशासन के खिलाफ अपनी नाराज़गी जताई। एक अभिभावक ने कहा, “बच्चों का भविष्य दांव पर है। शिक्षक नहीं होंगे तो पढ़ाई कैसे होगी?

सरकार शिक्षा पर जोर देने की बात करती है, लेकिन ज़मीनी स्तर पर बच्चों को शिक्षक तक उपलब्ध नहीं हो रहे।” प्रदर्शन में शामिल बच्चों ने भी नाराज़गी जताई और कहा कि उन्हें नियमित कक्षाएँ नहीं मिल रही हैं। कई विषयों के शिक्षक ही मौजूद नहीं हैं, जिसके कारण उनकी पढ़ाई अधूरी रह जाती है। खासकर गणित, विज्ञान और अंग्रेज़ी जैसे विषयों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है। विद्यालय में शिक्षा व्यवस्था चरमराने से पालक बेहद आक्रोशित हैं। उनका कहना है कि जब तक पर्याप्त शिक्षक नहीं भेजे जाते, तब तक वे इस तरह का विरोध जारी रखेंगे।

उन्होंने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन शीघ्र समाधान नहीं करता तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। इस बीच, शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन ने मामले की जानकारी मिलने पर स्थिति पर नज़र बनाए रखने की बात कही है। हालांकि अब तक स्पष्ट नहीं है कि शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए कब और क्या कदम उठाए जाएंगे। यह विरोध केवल एक विद्यालय तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सवाल पूरे जिले की शिक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है। यदि समय रहते शिक्षक उपलब्ध नहीं कराए गए, तो विद्यार्थियों की पढ़ाई और भविष्य दोनों प्रभावित हो सकते हैं।

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