11 हाथियों का आतंक, दो मासूम बच्चों की कुचलकर दर्दनाक मौत

news Desk

महेशपुर के मुलकी पहाड़ में झोपड़ी में सो रहे पंडो परिवार पर हाथियों का हमला, शोक में डूबा परिवार

सूरजपुर, छत्तीसगढ़। सूरजपुर वनमंडल के रामानुजनगर वन परिक्षेत्र के महेशपुर इलाके में इन दिनों 11 हाथियों का एक दल सक्रिय है, जो गांवों के पास विचरण कर रहा है और लगातार खतरे का कारण बन रहा है। शुक्रवार की देर रात इसी हाथियों के दल ने मुलकी पहाड़ में बसे पंडो जनजाति के एक परिवार पर हमला किया, जिससे उनके दो मासूम बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई। हाथियों के इस हमले ने पूरे इलाके में दहशत और शोक की लहर फैला दी है।


घटना महेशपुर के मुलकी पहाड़ (दलदलिया) पर स्थित वन विकास निगम के क्षेत्र क्रमांक 1945 में हुई, जहां पंडो जनजाति के तीन परिवार पिछले एक साल से झोपड़ी बनाकर रह रहे हैं। शुक्रवार रात करीब 2 बजे हाथियों का यह दल भीखू राम पंडो (35 वर्ष) की झोपड़ी के पास पहुंच गया, जहां वह अपने परिवार के साथ सो रहे थे। भीखू राम की पत्नी मुन्नी (30 वर्ष) और उनके पांच बच्चे – मनोज (12 वर्ष), दिशु (11 वर्ष), देव सिंह (5 वर्ष), गुड्डू (1 वर्ष), और पुत्री काजल (5 वर्ष) भी उनके साथ मौजूद थे।

रात के सन्नाटे में हाथियों के अचानक झोपड़ी के पास आने से भीखू राम का परिवार घबरा गया। पति-पत्नी ने तेजी से चार बच्चों को लेकर वहां से भागने का प्रयास किया। इस अफरा-तफरी में उनका 11 वर्षीय बेटा दिशु और 5 वर्षीय बेटी काजल समय रहते भाग नहीं पाए और हाथियों के सामने आ गए। हाथियों ने इन दोनों मासूमों को कुचलकर मार डाला। घटना के बाद से परिवार और समुदाय में गहरा शोक व्याप्त है।

वन विभाग की प्रतिक्रिया और तात्कालिक सहायता:
घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और मृत बच्चों के माता-पिता को तत्काल सहायता राशि प्रदान की। वन विभाग ने आगे की जांच और सहायता के लिए प्रक्रिया आरंभ कर दी है। अधिकारियों ने इलाके में गश्त बढ़ाने और हाथियों के दल को गांवों से दूर रखने के प्रयासों पर जोर दिया है, ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

वन क्षेत्र में रह रहे पंडो परिवार की कठिनाइयाँ:
मुलकी पहाड़ पर पंडो जनजाति के कई परिवार जंगलों में झोपड़ी बनाकर जीवन यापन कर रहे हैं। यह जनजाति साधनहीन है और वन क्षेत्र में निवास करते हुए अपनी जीविका चलाती है। हालांकि, हाथियों के लगातार हमलों से उनकी सुरक्षा पर गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है। प्रशासन के सामने इन परिवारों को सुरक्षित स्थान पर पुनर्वासित करने की चुनौती है, ताकि वे बिना किसी भय के जीवन व्यतीत कर सकें।

स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से अपील:
इस दुखद घटना ने पूरे क्षेत्र में हाथियों के खतरे पर नए सिरे से बहस छेड़ दी है। स्थानीय ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन से अपील की है कि वन क्षेत्र के आसपास रहने वाले लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। साथ ही, हाथियों को आबादी से दूर रखने और सुरक्षा उपायों को मजबूत करने की मांग की गई है।


सूरजपुर के महेशपुर इलाके की यह घटना वन क्षेत्रों में निवास कर रहे परिवारों के लिए एक चेतावनी है। वन विभाग और स्थानीय प्रशासन को मिलकर इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने होंगे, ताकि भविष्य में किसी परिवार को इस तरह के दर्दनाक हादसे का सामना न करना पड़े।

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