पप्पू जायसवाल/ सूरजपुर
बाल विवाह मुक्त जिला बनाने की दिशा में जिला प्रशासन की मजबूत पहल, जागरूकता अभियान से बढ़ रही है सामाजिक सहभागिता
सूरजपुर/14 नवंबर 2024 – सूरजपुर जिला प्रशासन और महिला एवं बाल विकास विभाग बाल विवाह मुक्त जिले के लक्ष्य को लेकर सजगता से कार्यरत हैं। जिला कलेक्टर के निर्देश पर हर विकासखंड में टास्क फोर्स का गठन किया गया है, जिसमें विभिन्न अधिकारियों, सरपंचों, सचिवों, और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को शामिल किया गया है। इन टास्क फोर्स को हर विवाह पर निगरानी रखने और बाल विवाह की सूचना मिलते ही तत्काल कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं। परिणामस्वरूप, लगन के समय कई विकासखंडों में बाल विवाह रोके गए हैं।

जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल के नेतृत्व में जिला बाल संरक्षण इकाई, महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा सरपंचों, सचिवों, स्कूलों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बाल विवाह के दुष्परिणामों के प्रति जागरूक किया जा रहा है। उन्हें यह भी बताया गया है कि बाल विवाह एक कानूनी अपराध है, जिसमें सहभागिता करने वालों पर 1 लाख रुपये जुर्माना और दो साल की सजा का प्रावधान है।
गोपनीय सूत्रों और जागरूकता अभियानों से बाल विवाह रोकने की दिशा में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहे हैं। कई सरपंचों ने 18 वर्ष से अधिक उम्र की लड़कियों के विवाह पर प्रोत्साहन राशि की पहल की है, जिससे बाल विवाह रोकने की आदत विकसित हो रही है।
इसके अतिरिक्त, जिला प्रशासन ने विवाह में सहयोग करने वाले समाज के विभिन्न वर्गों – पुरोहित, मौलवी, पास्टर, टेंट और बैंड वालों को भी कार्यशालाओं के माध्यम से बाल विवाह न कराने हेतु जागरूक किया है। विवाह के समय दूल्हा-दुल्हन के उम्र संबंधी दस्तावेज मांगने की भी अपील की गई है। सभी सचिवों से विवाह पंजी संधारित करने और उम्र प्रमाण पत्रों का सत्यापन सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया है।
सूरजपुर जिले को बाल विवाह मुक्त बनाने के लिए जिला प्रशासन की यह सशक्त पहल समाज में सकारात्मक बदलाव ला रही है।