गुड टच और बैड टच पर कार्यशाला का आयोजन, बच्चों को किया जागरूक

रामानुजनगर के माध्यमिक शाला पतरापाली में बैगलेस डे पर आयोजित हुआ जागरूकता कार्यक्रम

सूरजपुर। बच्चों को गुड टच और बैड टच की समझ और सजगता प्रदान करने के लिए रामानुजनगर के माध्यमिक शाला पतरापाली में बैगलेस डे सुरक्षित शनिवार के तहत एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस पहल का उद्देश्य बच्चों को उनके प्रति बढ़ते अपराधों से बचाव के लिए जागरूक करना और उनकी सुरक्षा के प्रति सतर्क बनाना था।

कार्यशाला के दौरान विद्यालय की शिक्षिका श्रीमती अनीता सिंह ने बच्चों को अच्छे और बुरे स्पर्श के बीच अंतर करना सिखाया। उन्होंने बताया कि गुड टच का मतलब ऐसा स्पर्श है जो सुरक्षा और आराम का एहसास देता है, जैसे सिर या पीठ पर थपथपाना, हाथ मिलाना, हाई-फाइव करना, आदि। इसके विपरीत, बैड टच वह है जो बच्चे को असुरक्षित और असहज महसूस कराता है, जैसे नापसंद गले लगना, अनुचित तरीके से चूमना, और निजी अंगों को छूना।

विरोध करना और “नहीं” कहना सिखाया गया

कार्यशाला में शिक्षक योगेश साहू ने बच्चों को समझाया कि असहज करने वाले किसी भी स्पर्श को मना करना और “नहीं” कहना उनका अधिकार है। उन्होंने बच्चों को सिखाया कि अगर कोई चीज़ उन्हें असहज करे, तो वे अपने माता-पिता, भाई-बहन या शिक्षक को इसकी जानकारी दें।

कार्यक्रम के दौरान महेन्द्र पटेल ने बच्चों को साफ-सफाई और स्वच्छता के महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यशाला में बी आर हितकर, महेन्द्र पटेल, अनीता सिंह, कृष्ण कुमार यादव, योगेश साहू, और रघुनाथ जायसवाल सहित विद्यालय के कई शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

कार्यशाला का संदेश

बच्चों को अपने अधिकारों और सुरक्षा के प्रति जागरूक बनाना बेहद जरूरी है। ऐसी कार्यशालाएं समाज में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और अपराधों को रोकने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।

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