नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के नियमों में बड़ा बदलाव होने जा रहा है, जो 1 अप्रैल 2025 से लागू होगा। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में घोषणा की कि जीएसटी की दरों को और कम करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। जुलाई 2017 में जीएसटी लागू होने के समय राजस्व तटस्थ दर 15.8 प्रतिशत थी, जो 2023 में घटकर 11.4 प्रतिशत हो गई है, और अब इसमें और कमी की उम्मीद है। लेकिन इसके साथ ही कुछ नए नियम आपकी जेब पर असर डाल सकते हैं। तो आइए जानते हैं क्या बदल रहा है और इसका आप पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
मल्टी फैक्टर ऑथेंटिकेशन (एमएफए) से बढ़ेगी सुरक्षा–
1 अप्रैल से जीएसटी पोर्टल पर सभी यूजर्स के लिए मल्टी फैक्टर ऑथेंटिकेशन अनिवार्य हो जाएगा। इसका मतलब है कि अब बिना वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) के लॉग-इन संभव नहीं होगा। यह कदम जीएसटी डेटा चोरी और फर्जीवाड़े को रोकने के लिए उठाया जा रहा है। पहले यह नियम 20 करोड़ से अधिक टर्नओवर वाले कारोबारियों के लिए 1 जनवरी 2025 से और 5 करोड़ से अधिक टर्नओवर वालों के लिए 1 फरवरी 2025 से लागू था। अब यह सभी पर लागू होगा। इस महीने अपने जीएसटी पोर्टल पर रजिस्टर्ड फोन नंबर अपडेट कर लें, वरना ओटीपी न मिलने से परेशानी हो सकती है।
ई-वे बिल और ई-इनवॉयस में सख्ती-
10 करोड़ से अधिक टर्नओवर वाले कारोबारियों के लिए नया नियम लागू होगा। अब उन्हें 30 दिनों के भीतर ई-इनवॉयस की जानकारी इनवॉयस रजिस्ट्रेशन पोर्टल (आईआरपी) पर अपलोड करनी होगी, वरना इनवॉयस रद्द हो जाएगा। अभी यह नियम 100 करोड़ से अधिक टर्नओवर वालों पर लागू है। इसका असर छोटे कारोबारियों पर भी पड़ सकता है, क्योंकि समय पर जानकारी न देने से सप्लाई चेन प्रभावित हो सकती है।
होटल रेस्टोरेंट में खाना होगा महंगा!
1 अप्रैल से होटल रेस्टोरेंट के बिल में बढ़ोतरी की आशंका है। जिन होटलों में कमरे का किराया 7,500 रुपये से कम है, वहां अभी रेस्टोरेंट में खाने पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगता है, लेकिन इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) की सुविधा नहीं मिलती। नए नियम के तहत इन होटलों को 18 प्रतिशत जीएसटी के साथ आईटीसी लेने का विकल्प मिलेगा। अगर होटल वाले इस विकल्प को चुनते हैं, तो खाने की कीमतें बढ़ जाएंगी। जैसे 500 रुपये का खाना अभी 525 रुपये (5 प्रतिशत जीएसटी) में मिलता है। 18 प्रतिशत जीएसटी लागू होने पर यह 590 रुपये हो सकता है।
सेकेंड हैंड कारें भी होंगी महंगी-
पुरानी कारों की खरीद-बिक्री करने वालों के लिए भी खबर है। 1 अप्रैल से सेकेंड हैंड कारों (सामान्य और इलेक्ट्रिक दोनों) की बिक्री पर जीएसटी 12 प्रतिशत से बढ़कर 18 प्रतिशत हो जाएगा। यह नियम उन एजेंसियों पर लागू होगा जो पुरानी गाड़ियों का कारोबार करती हैं। इससे सेकेंड हैंड कारों की कीमतों में इजाफा होगा। जैसे अगर कोई कार 5 लाख में बिकती है, तो अभी 60,000 रुपये जीएसटी लगता है, जो अब 90,000 रुपये हो जाएगा।